धान की खरीदी एवं संग्रहण में सहकारी ववपणन संघ की भूवमका पर एक ववश्लेषण
Keywords:
सहकारी णवपिन संघ, धान खरीदी, कृणष णवपिन, णकसान कल्याि, छत्तीसगढ़Abstract
यह अध्ययन छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में धान की खरीदी, संग्रहि और णवतरि में सहकारी णवपिन संघों की भूणमका का णवश्लेषि करता है। छत्तीसगढ़ एक प्रमुख धान उत्पादक राज्य है, जहां सहकारी णवपिन संघ णकसानों को उणित मूल्य पर अपनी उपज बेिने का मंि प्रदान करते हैं, णजससे उनकी आणर्थिक स्थिणत में सुधार होता है। यह शोध प्रार्थणमक और णितीयक दोनों प्रकार के आंकडों पर आधाररत है। प्रार्थणमक आंकडे रायपुर के 10 सहकारी णवपिन संघों के अणधकाररयों के साक्षात्कार और 100 णकसानों (छोटे, मध्यम और बडे) से अर्द्ि-संरणित प्रश्नावली के माध्यम से एकत्र णकए गए। णितीयक आंकडे सरकारी ररपोटि, वाणषिक प्रकाशनों और कृणष णवभाग के आँकडों से प्राप्त णकए गए। साल 2008 से 2013 के बीि रायपुर में सहकारी णवपिन संघों की संख्या 12 से बढ़कर 16 हो गई, जबणक सदस्य संख्या में 42.85% की वृस्थर्द् हुई, जो 35,000 से बढ़कर 50,000 तक पहुंि गई। इसी अवणध में वाणषिक कारोबार में 55.55% की बढ़ोतरी हुई, जो 450 करोड रुपये से बढ़कर 700 करोड रुपये हो गया। धान खरीद केंद्ों की संख्या 30% बढ़कर 78 हो गई और खरीदी गई धान की मात्रा 8.5 लाख मीणटिक टन से बढ़कर 12.2 लाख मीणटिक टन हो गई, जो 43.52% की वृस्थर्द् दशािता है। न्मूनतम समर्थिन मूल्य (MSP) भी 850 रुपये प्रणत णवंटल से बढ़कर 1,310 रुपये हो गया। संग्रहि सुणवधाओं की क्षमता 42.85% बढ़कर 5 लाख मीणटिक टन हो गई, जबणक िावल णमलों की संख्या 85 से बढ़कर 100 हो गई। संसाणधत िावल को साविजणनक णवतरि प्रिाली (PDS) के माध्यम से 2 लाख पररवारों को णवतररत णकया गया, जबणक शेष िावल का णनयाित णकया गया। यह अध्ययन दशािता है णक सहकारी णवपिन संघ न केवल णकसानों की आणर्थिक स्थिरता में योगदान देते हैं, बस्थि खाद्य सुरक्षा और ग्रामीि आणर्थिक णवकास में भी महत्वपूिि भूणमका णनभाते हैं।










